यह वसंत पंचमी का महापर्व है, जो हमारे जीवन में नए उमंग और प्रेरणा का संचार करता है। वसंत ऋतु की छटा और प्रकृति की सुंदरता हमारे जीवन में ताजगी और उत्साह लाती है। इस दिन, विशेष रूप से, हम मां सरस्वती की पूजा करते हैं, जो ज्ञान और कला की देवी हैं।
आज के इस विशेष दिन पर सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ जी की जयंती है, जिन्हें हिंदी साहित्य के महान कवियों में गिना जाता है। हालांकि, दुख की बात है कि अधिकांश समाचार पत्रों ने उनका स्मरण नहीं किया, जबकि उनका योगदान साहित्य और संस्कृति में अतुलनीय है।
इसके अलावा, महाकवि कालिदास का भी जन्मदिन इस समय के आसपास होता है, जो साहित्य और काव्य जगत के सूर्य माने जाते हैं। इस दिन हम सभी को उनका सम्मान करना चाहिए और उनके योगदान को याद करना चाहिए।