मुख्य बाते= विक्रमादित्य नाम नही उपाधी हें, उनके दरबार में ९ रत्न थे,विक्रमादित्य की वेदिक न्याय व्यवस्था की धराना आज भर्र ब्याय व्यवस्था में कायम हें ,विक्रमादित्य शोरी ठका शक्ति के प्रतीक भी थे , ये बाते , सीएम डा मोहन यादव ने अपनेसंबोधन में कही= मप्र के मुख्य न्यायधीश सुरेश केत ने कना की , दंड प्रथा समाज में नेतिक तथा सामंजस्य की व्यवस्था हें , कुसरी का उपयोग , जन हित तथा लोक कल्याण हेतु ही होना चाहिए= न्यायधीश वर्मा ने खा की न्याय में , धर्म , सत्य , निष्पक्षता होना जरुरी हें , मुख्य न्यायधीश ने अपनी पीड़ाव्यक्त की और खा , न्याय हेतु ५३ न्यायधीश की जरूरत हें , वर्तमान में मात्र ३४ ही हें= ४ संस्थाओं ने ,डा मोहन यादव , मुख्य न्यायधीश तथा न्यायधीश वर्मा को प्रतीक चिन्ह भेंट क रउनका सम्मान किया= विचार समागम में जन भागीदारी नाम मात्र की रही= जो भी हो कार्यक्रम सफल रहा