श्रीकृष्ण गमन स्थलों को चिन्हित किया जाएगा
श्रीकृष्ण के गुजरात गमन पथ के लिए गुजरात सरकार से भी लेंगे सहयोग
श्रीकृष्ण का ईश्वरीय स्वरूप स्तुत्य है, उनके दूसरे पक्षों को भी करेंगे उजागर
मुख्यमंत्री ने श्रीकृष्ण पाथेय के संबंध में बैठक लेकर दिए निर्देश
भोपाल : गुरूवार, मार्च 6, 2025, 18:16 IST
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भगवान श्रीकृष्ण पाथेय के विकास के संदर्भ में महत्वपूर्ण घोषणा की है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश और राजस्थान सरकार इस दिशा में एक साथ मिलकर काम करेंगे। श्रीकृष्ण पाथेय के विकास हेतु राजस्थान सरकार के सहयोग से कार्य किया जाएगा, साथ ही गुजरात सरकार से भी श्रीकृष्ण के गुजरात गमन पथ के विकास के लिए सहयोग लिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण का ईश्वरीय स्वरूप तो सदा स्तुत्य रहेगा, लेकिन हमारी सरकार उनके अन्य महत्वपूर्ण पक्षों को भी उजागर करेगी। इसमें भगवान श्रीकृष्ण द्वारा उज्जैन में शिक्षा ग्रहण करना, सुदामा से मित्रता, वनवासियों के प्रति प्रेम और गुरू-शिष्य परम्परा की मिसाल जैसे प्रसंग शामिल हैं।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव गुरुवार को (समत्व भवन) मुख्यमंत्री निवास में श्रीकृष्ण पाथेय के संबंध में विषय विशेषज्ञ समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए बोल रहे थे। उन्होंने बैठक में सभी समितियों को सक्रिय करने का निर्देश दिया और पुरातत्वविदों, धर्माचार्यों, और श्रीकृष्ण साहित्य के लेखकों को समिति में जोड़ने का सुझाव दिया।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि श्रीकृष्ण पाथेय के विकास के लिए भोपाल के अलावा उज्जैन, राजस्थान के जयपुर या भरतपुर, ब्रज या अन्य विशिष्ट स्थलों पर भी बैठकें आयोजित की जाएं। इससे दोनों राज्यों में श्रीकृष्ण पाथेय को लेकर सकारात्मक वातावरण बनेगा।
बैठक में यह भी चर्चा की गई कि भगवान श्रीकृष्ण के विभिन्न गमन स्थलों को चिन्हित किया जाएगा और उनका अभिलेखीकरण किया जाएगा। विशेष रूप से उज्जैन का सांदीपनि आश्रम श्रीकृष्ण पाथेय के विकास का केन्द्र बिंदु हो सकता है, क्योंकि श्रीकृष्ण की यात्रा का प्रमुख केंद्र उज्जैन ही था।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रदेश में धार्मिक त्योहारों में सरकार की सहभागिता बढ़ाने की बात भी की। उन्होंने दशहरे में शस्त्र पूजा, दीपावली पर गोवर्धन पूजा और गीता जयंती जैसे धार्मिक अवसरों पर सरकार की सक्रिय भूमिका का उल्लेख किया। साथ ही, 17 पवित्र/धार्मिक शहरों में शराबबंदी लागू करने के निर्णय पर भी प्रकाश डाला, जिससे समाज में सकारात्मक संदेश प्रसारित हुआ है।
बैठक में राजस्थान सरकार के राज्यमंत्री श्री ओंकार सिंह लखावत, डॉ. भगवतीलाल राजपुरोहित, मुख्यमंत्री के संस्कृति सलाहकार डॉ. श्रीराम तिवारी, उज्जैन के डॉ. शैलेन्द्र शर्मा, डॉ. रमन सोलंकी सहित अन्य सदस्यगण और अधिकारी उपस्थित थे। उज्जैन के कमिश्नर और कलेक्टर ने भी वर्चुअली बैठक में भाग लिया।