चीतों की ऐतिहासिक वापसी से गौरवान्वित है मध्यप्रदेश: मुख्यमंत्री डॉ. यादव

नई दिल्ली: उज्जैन रिपोर्ट (रघुवीर सिंह पंवार ) 76वें गणतंत्र दिवस के मौके पर नई दिल्ली के कर्तव्य पथ पर मध्यप्रदेश की झांकी ने देशवासियों का दिल जीत लिया। झांकी का मुख्य आकर्षण था ‘चीतों की ऐतिहासिक पुनर्स्थापना,’ जो कूनो नेशनल पार्क में चीतों की सफल वापसी की कहानी को बयां कर रही थी।

चीतों की वापसी: मध्यप्रदेश की नई पहचान

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस अवसर पर सोशल मीडिया ‘एक्स’ पर अपनी खुशी व्यक्त करते हुए कहा, “चीतों का पुनर्वास न केवल मध्यप्रदेश के इको-टूरिज्म को प्रोत्साहन देगा, बल्कि यह हमारी जैव विविधता और पर्यावरण संरक्षण की प्रतिबद्धता का प्रतीक भी है।” उन्होंने इसे प्रदेश के लिए गौरव का क्षण बताते हुए कहा कि यह झांकी प्रदेश की समृद्ध जैव विविधता और प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में शुरू हुई ‘चीता पुनर्वास परियोजना’ की सफलता को दर्शाती है।

पर्यावरण संरक्षण में चीता मित्रों का योगदान

झांकी में कूनो नेशनल पार्क और वहां बसे चीतों को प्रदर्शित किया गया। साथ ही, चीतों की सुरक्षा में अहम भूमिका निभाने वाले ‘चीता मित्रों’ को भी शामिल किया गया, जो दिन-रात पर्यावरण और वन्यजीव संरक्षण में लगे रहते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन चीता मित्रों के प्रयासों के बिना यह ऐतिहासिक उपलब्धि संभव नहीं थी।

इको-टूरिज्म को मिलेगी नई दिशा

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि चीतों की वापसी से मध्यप्रदेश के पर्यटन को नई ऊर्जा मिली है। देश-विदेश से आने वाले पर्यटक अब कूनो नेशनल पार्क में चीतों को देखने का आनंद ले सकेंगे। इससे प्रदेश की आर्थिक और सांस्कृतिक प्रगति को भी बल मिलेगा।

कर्तव्य पथ पर दर्शकों को मोहित किया

मध्यप्रदेश की झांकी ने न केवल चीतों की वापसी की गाथा सुनाई, बल्कि दर्शकों को पर्यावरण संरक्षण और प्रकृति के प्रति अपनी जिम्मेदारी का भी एहसास दिलाया। झांकी ने राज्य के सतत विकास लक्ष्यों और पर्यावरणीय प्रतिबद्धता को खूबसूरती से प्रस्तुत किया।

चीतों की वापसी: वैश्विक मंच पर मध्यप्रदेश की पहचान

सितंबर 2023 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने जन्मदिन पर नामीबिया से आए चीतों को कूनो नेशनल पार्क में पुनर्स्थापित कर एक नई पहल की शुरुआत की। यह परियोजना भारत के वन्यजीव संरक्षण के प्रयासों में मील का पत्थर है।

कर्तव्य पथ पर इस झांकी को देखकर दर्शक मंत्रमुग्ध हो गए। यह झांकी केवल कला का प्रदर्शन नहीं, बल्कि मध्यप्रदेश की नई पहचान और राज्य के सतत विकास की दिशा में किए जा रहे प्रयासों का प्रतीक भी थी।

मुख्यमंत्री ने दी शुभकामनाएं

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने गणतंत्र दिवस के अवसर पर सभी को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि प्राणवायु देने वाले हमारे जंगलों, वन्य जीवों और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में प्रदेश के प्रयास लगातार जारी रहेंगे।

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