भोपाल, शुक्रवार, 23 मई 2025
अलीराजपुर जिले के छोटे से गांव जाम्बू खेड़ा की रहने वाली सेल बाई दीदी आज अपने पूरे क्षेत्र के लिए प्रेरणा का स्रोत बन चुकी हैं। कभी गरीबी और संघर्ष से जूझने वाली यह महिला अब अपने परिवार की आर्थिक रीढ़ हैं और ‘स्व-सहायता समूह’ के ज़रिए उन्होंने जो आत्मनिर्भरता की मिसाल कायम की है, वह समाज में सकारात्मक बदलाव की सशक्त कहानी कहती है।
कभी 3-4 हजार की आमदनी, आज 20 हजार से अधिक
पहले उनका परिवार वर्षा पर निर्भर खेती और मजदूरी के सहारे महीने में मुश्किल से 3 से 4 हजार रुपये ही कमा पाता था। रोजमर्रा की जरूरतों के लिए रिश्तेदारों और साहूकारों पर निर्भरता रहती थी। चार बच्चों की परवरिश और पति के साथ जीवन बेहद कठिनाइयों भरा था।
2017 में मिली नई राह
राज्य आजीविका मिशन के अंतर्गत 2017 में जब गांव में स्व-सहायता समूहों पर एक बैठक हुई, तो सेल बाई दीदी ने भी रुचि दिखाई। जल्द ही उन्होंने ‘बाबा देब आजीविका समूह’ से जुड़कर अपने जीवन में नए अध्याय की शुरुआत की।
शिक्षा, प्रशिक्षण और आत्मविश्वास
समूह से जुड़ने के बाद उन्हें आधुनिक कृषि तकनीकों का प्रशिक्षण मिला, सरकारी योजनाओं की जानकारी हुई, बैंकिंग प्रणाली से जुड़ाव बढ़ा और आत्मनिर्भरता की ओर कदम बढ़े। समूह से मिले ऋण से उन्होंने कृषि उपकरण खरीदे, सिंचाई के साधनों में सुधार किया और फिर पति के लिए फर्नीचर निर्माण की मशीन लेकर घर में ही काम शुरू कराया।
अब खुद हैं निर्णयकर्ता, बनीं परिवार की ‘दीदी’ से ‘नेता’
आज उनका परिवार सब्जी उत्पादन, खेती और फर्नीचर निर्माण के ज़रिए हर माह 20 से 22 हजार रुपये कमाता है। उनका बेटा तकनीकी शिक्षा के लिए बाहर पढ़ रहा है। प्रधानमंत्री आवास योजना से पक्का मकान और उज्ज्वला योजना से गैस कनेक्शन भी मिला। अब गांव में उनकी अलग पहचान है, बैंक और बाजार से सीधा संवाद है और निर्णयों में उनकी भागीदारी है।
भविष्य के सपने भी बुलंद
सेल बाई दीदी अब ट्यूबवेल लगाकर तीन फसलें उगाने और गांव में एक बड़ी फर्नीचर दुकान खोलने की योजना बना रही हैं। उनका सपना है कि वे न सिर्फ अपने परिवार, बल्कि अन्य ग्रामीणों को भी रोज़गार देने के काबिल बनें।
सेल बाई दीदी का संदेश
“अगर आजीविका मिशन न होता, तो मैं आज भी मजदूरी कर रही होती, साहूकारों के कर्ज में डूबी होती और मेरे बच्चे शिक्षा से वंचित रह जाते। आजीविका मिशन हमारे जीवन में बदलाव लाने वाला वरदान साबित हुआ है।”