भगवान श्री राम तथा राम मंदिर का राजनीतिकरण तथा नाजीकरण, १४० करोड़ जनता को स्वीकार नहीं , ऐसा करना ,श्री राम की मर्यादाओं तथा सीमाओं का उल्घन हें तथा रावणी संस्कृति का साक्ष्य हें, ये जन गीता का सन्देश हें