उज्जैन न्यूज[२१-१-२४]फुल हुए मंहगे , जम कर हो रही मुफाफाखोरी, ये भी कोनसी मर्यादा हें=राम के नहीं , धन और सत्ताराम के दीवाने हें लोग=शिया राम बोल रहे लोग, क्या यह उचित हें?= जो इंसान , मर्यादा पालक नहीं , वो राम भक्त नहीं=हर तरफ बहुआयामी प्रदुषण=उज्जैन में कड़ी निगरानी, हर चोराहे पर , पुलिस तेनात रहेगी , केमरे से भी निगरानी होगी=तीसरे मेडीकल कालेज हेतु विक्रम वि, वि के सामने , ५०० करोड़ का अर्थ संकट=शीत लहर चरम पर=शहर में चन्दा खोरी का आलमसर्व प्रकार की मर्यादाओं का अंतिम संस्कार हो हो रहा=टावर पर रामोत्स्व का आनंद=सभी राम भक्त हो गये . शहर में अपराध , धनखोरी बेइमानी क्यों?राम का अवतरण संभव नहीं, हम मर्यादा पालक इंसान बने=शहर के राम मंदिरों की जमीने , किसने बेची और किसने खरीदी प्रशासन, युद्ध स्तर पर जांच करे =जोलाधीश ने भी सफाई की , अहम सवाल , आराधना स्थलों पर गंदगी होती क्यों हें?