ओद्धोगिक क्षेत्र के भारत रत्न ,स्व =श्री=रतनजी टाटा , ८६ वर्ष की आयु में , अन्तरिक्ष याtraa पर, उद्धोगिक क्षेत्र के ध्रुवतारे के रूप में , दिशा बोध कराते रहेगें