भोपाल, 6 मार्च 2025 उज्जैन रिपोर्ट (रघुवीर सिंह पंवार ): मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि राज्यों के सशक्तिकरण से ही राष्ट्र का सशक्तिकरण संभव है। इसलिए केन्द्रीय करों में राज्यों की हिस्सेदारी 41 प्रतिशत से बढ़ाकर 48 प्रतिशत की जानी चाहिए। इससे राज्यों को अधिक वित्तीय संसाधन मिलेंगे, जिससे वे अपने दीर्घकालिक लक्ष्यों को जल्द प्राप्त कर सकेंगे।
डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश एक बड़ा राज्य है, और उसकी आवश्यकताएं भी बड़ी हैं। राज्य सरकार लोक कल्याणकारी योजनाओं के जरिए प्रदेश के विकास के लिए काम कर रही है, और इसमें केन्द्र के सहयोग से सफलता जल्द हासिल की जा सकती है। मुख्यमंत्री ने यह बातें भोपाल में 16वें वित्त आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों के साथ महत्वपूर्ण बैठक में कहीं।
राज्य का बजट होगा दोगुना
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि अगले 5 वर्षों में प्रदेश का वर्तमान बजट, जो अभी लगभग 3.5 लाख करोड़ रुपये है, उसे दोगुना किया जाएगा। इसके साथ ही, उन्होंने नदियों को जोड़कर पड़ोसी राज्यों के साथ विकास के समन्वय की चर्चा की। पार्वती-कालीसिंध-चंबल नदी जोड़ो परियोजना पर राजस्थान के साथ और केन-बेतवा परियोजना पर उत्तर प्रदेश के साथ काम चल रहा है। इसके अलावा, महाराष्ट्र के साथ ताप्ती नदी परियोजना पर भी सहयोग हो रहा है।
किसानों को सोलर पंप
डॉ. यादव ने कहा कि अगले तीन सालों में प्रदेश के 30 लाख किसानों को सोलर पंप दिए जाएंगे। इससे वे अन्नदाता के साथ ऊर्जादाता भी बनेंगे। राज्य सरकार किसानों को केवल 5 रुपये में बिजली कनेक्शन उपलब्ध करवा रही है, जिससे उन्हें बिजली कनेक्शन के लिए परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा।
वित्त आयोग को सौंपा मेमोरेंडम
मुख्यमंत्री ने राज्य की वित्तीय आवश्यकताओं को रेखांकित करते हुए वित्त आयोग को मेमोरेंडम सौंपा, जिसमें प्रदेश के विकास के लिए आवश्यक वित्तीय सहयोग की मांग की गई। उन्होंने आयोग के समक्ष राज्य में नवाचारों की जानकारी भी दी, जैसे एयर एम्बुलेंस सेवा, जिससे गंभीर मरीजों को बड़े अस्पतालों तक पहुंचाया जा रहा है।
वित्त आयोग की सराहना
वित्त आयोग के अध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया ने कहा कि मध्यप्रदेश विकास की राह पर आगे बढ़ रहा है और यह राज्य भविष्य में प्रगति के प्रति जागरूक है। आयोग के अन्य सदस्यों ने भी मध्यप्रदेश में हुए विकास कार्यों की सराहना की और इसे अन्य राज्यों के लिए एक उदाहरण बताया।