उज्जैन[५-४-२५] ४ मार्च की रात से मौसम पलटा, शीत लहर का पलटवार= शहर के सफाई व्यवस्था ध्वस्त=फल फ्रूट वाले ,जनता को लूट रहे , संगठित गिरोह बना कर ,प्रशासन धृतराष्ट्र=क्षिप्रा , मात्र , प्रदूषित पानी की डबरी बनी= शहर को सपनो की सोगात= शहर में समारोह की भरमार ,सच्चाई बड़ी रोचक= महाकाल मंदिर तथा परिसर , बेहद बदनाम हो रहा= कालेधन खबरों तथा भूमाफियाओ के यंहा छापे कब लगेगे= बेनामी सम्पत्ति का शातिर खेल भी शहर में= एक विचित्र गेंग के शातिर खेल शहर में , खुफिया तंत्र नकारा क्यों?= शहर में कितने साधू संतो के विचित्र चेहरे=बहुआयामी अराजकता कब समाप्त होगी? कहना कठीन= राजा और रंक का चरित्र एक जेसा, , उज्जैन का वातावरण ,रानी साहिबा के साले जेसा= phe में बाहरी शातिर ठेकेदार ,संरक्षक कोन?७ मार्च से होला अष्टक= ८ मार्च को , नेशनल लोक अदालत