कड़वी बात[१६-३-२५]सन १९२५ से लेकर२०२५ तक , संघ का चरित्र ही विचित्र रहा हें= मोहन भागवतजी को आत्म चिंतन करना ही होगा , सत्य से साक्षात्कार होगा , उसे भी जनता को बताना चाहिये= हिन्दू शब्द तो ,विदेशियों ने दिया हें , सही हें या गलत? नव संवत्सर २०८२ हिन्दू नव वर्ष नही, वेदिक वर्ष हें , उसे राजा विक्रमादित्य ने लागू किया था ,उसे विक्रम संवत भी कहा जाता हें= संघ को इजराइल से विशेष प्रेम क्यों हें?क्या कोई ,रक्त संबंध हें?=संघ का दोहरा चरित्र क्यों रहता हें?,नाजीवादी ताकतों के साथ , संघ क्यों खडा नजर आता हें?कोई तो बात हें?