उज्जैन हरि हर मिलन समारोह[२५-११-२३]तब और अब[ बहुत समय पहले , गोपाल्गी सवारी के रूप में महाकाल जाते थे, हर से प्रभार लेने| अब हर खुद प्रभार देने, सवारी के रूप में गोपालजी के यंहा आते हें|]