सिंहस्थ 2028 के लिए 5882 करोड़ की विकास परियोजनाओं को हरी झंडी

सिंहस्थ 2028: उज्जैन में अधोसंरचना विकास को मिली नई गति

उज्जैन, (रघुवीर सिंह पंवार ) 15 अक्टूबर 2024: सिंहस्थ 2028 की तैयारियों के तहत, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में आयोजित मंत्रिमंडल समिति की पहली बैठक में 5882.14 करोड़ रुपए के विभिन्न अधोसंरचना और विकास कार्यों को मंजूरी दी गई है। इन कार्यों का उद्देश्य सिंहस्थ 2028 के आयोजन को सुगम और सफल बनाना है।

उज्जैन के कलेक्टर, श्री नीरज कुमार सिंह ने बताया कि इस योजना में विभिन्न विभागों के माध्यम से महत्वपूर्ण कार्यों को स्वीकृति दी गई है। जल संसाधन विभाग द्वारा 778.91 करोड़ रुपए की लागत से 29.21 किलोमीटर लंबे घाट का निर्माण किया जाएगा। इसके अलावा, कान्ह नदी डायवर्सन के लिए 1024.95 करोड़, शिप्रा नदी में जल प्रवाह योजना के लिए 614.53 करोड़, और कान्ह नदी पर प्रस्तावित 11 बैराजों के निर्माण के लिए 43.51 करोड़ रुपए की मंजूरी दी गई है।

नगरीय प्रशासन एवं आवास विभाग के तहत, उज्जैन शहर के लिए 198 करोड़ की लागत से सिवरेज परियोजना को स्वीकृति मिली है। ऊर्जा विभाग द्वारा 250 करोड़ की लागत से नए उच्चदाब ईएचवी उपकेंद्र का निर्माण, 16.8 करोड़ की लागत से उच्चदाब केंद्र की क्षमता वृद्धि, और 10.8 करोड़ रुपए की लागत से भूमिगत केबल कार्य की योजनाएँ स्वीकृत की गई हैं।

लोक निर्माण विभाग द्वारा विभिन्न सड़कों, पुलों और ब्रिजों के निर्माण के लिए कुल 1692 करोड़ की राशि निर्धारित की गई है। इसमें इंदौर-उज्जैन चार लेन मार्ग का 6 लेन में उन्नयन, और इंदौर-उज्जैन ग्रीन फील्ड चार लाइन परियोजना का निर्माण शामिल है।

संस्कृति विभाग के तहत 75 करोड़ की लागत से महाकाल लोक कॉरिडोर में फाइबर की प्रतिमाओं के स्थान पर पाषाण प्रतिमाओं का निर्माण होगा। साथ ही, कुंभ संग्रहालय और कालगणना शोध केंद्र का अनुरक्षण एवं विकास कार्य भी किया जाएगा।

कलेक्टर श्री सिंह ने संबंधित विभागों को निर्देश दिए हैं कि स्वीकृत कार्यों को जल्द से जल्द प्रारंभ किया जाए और इनकी सतत मॉनिटरिंग की जा रही है ताकि सभी कार्य समय पर पूर्ण हो सकें।