उज्जैन (24 दिसंबर): आज, 25 दिसंबर को देशवासियों के लिए एक ऐतिहासिक और गर्व का दिन है, क्योंकि इस दिन हम दो महान विभूतियों का जन्मदिन मनाते हैं—प्रभु यीशु का जन्मदिन और हमारे राजनीतिक संत अटल बिहारी वाजपेयी जी का जन्मदिन। यह दिन एकता और सांप्रदायिक सद्भाव का प्रतीक है।
देशवासियों ने जब इस दिन के महत्व के बारे में पूछा, तो जवाब में एक वरिष्ठ नेता ने कहा, “यह दिन हमारे लिए बेहद विशेष है, क्योंकि हम एक साथ दो महान व्यक्तित्वों की जयंती मनाते हैं। प्रभु यीशु के जन्म से लेकर अटल जी की राजनीतिक कार्यशैली तक, दोनों ने समाज में शांति और समानता की बात की।”
उन्होंने आगे कहा, “अटल जी का जीवन समाज की सेवा और एकता के लिए समर्पित था। वे राजनीतिक संत थे, जिन्होंने हमेशा देश के उत्थान की दिशा में काम किया। दुर्भाग्यवश, अब कुछ लोग उनके जन्मदिन पर नाटक करते हैं, जबकि वे वही लोग हैं जिन्होंने अटल जी के समय में उनका अपमान किया।”
विशेष रूप से उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी टिप्पणी की, “प्रधानमंत्री मोदी जी ने अटल जी के कई अपमान किए थे, और अब वे अटल जी का जन्मदिन मनाते हैं। ये उन लोगों की मानसिकता का परिचायक है जो सत्ता के लिए कोई भी नाटक करने से पीछे नहीं हटते।”
क्रिसमस पर भी उन्होंने कहा, “कल, 25 दिसंबर को चर्चों में विशेष पूजा और प्रार्थना सभा आयोजित की जाएंगी। यह दिन हमें एकता और प्रेम का संदेश देता है। हम सभी को चाहिए कि हम अपने धर्म, विश्वास और संस्कृति के प्रति सम्मान दिखाएं और देश की एकता के लिए काम करें।”
उन्होंने अंत में अटल जी का संदेश याद दिलाया, “अटल जी ने हमेशा कहा था कि हमें देश की एकता और सामूहिक सद्भावना की रक्षा करनी चाहिए। उनके अनुसार, राजनीति का उद्देश्य समाज की प्रगति और शांति होना चाहिए, न कि विभाजन और विवाद का कारण।”
यह संदेश इस बात का प्रतीक है कि देश में सच्चे नेतृत्व की आवश्यकता है, जो न केवल सत्ता में हो, बल्कि समाज की भलाई और समरसता के लिए काम करे।