उज्जैन न्यूज[दुसरा संस्करण] ६-२-२०२३] नगर निगम को सडको पर थ्रेगले लगाने का सलीका तक याद नहीं= अतिक्रमण और यातायात अराजकता शहर की संस्कृति तथा अधिकार बना= अतिक्रमण हटाओ मुहीम का अंतिम संस्कार , जनता ने भी श्रद्धांजली दी= पर्यटकों का नशेवादी उन्माद शहर में= महाकाल मंदिर की पावनता तथा गरिमा तक समाप्त= फेशन छाफ, रूप तथा सोंदर्य पर्दशन सडको पर= जल , वायु , ध्वनी , आध्यात्म तथा विचारों तथा भावनाओं का प्रदुषण चरम पर= धन , देवता हो गया , सब उसके पूजक औए दीवाने= सभी बेरोझार ग्रुप में मंदिर बनाये , ये भी रोजगार , अच्छी कमाई होगी