आज की कड़वी बाते[राष्ट्र जन गीता]जल संरक्षण पर जुमले ,शाब्दिक लफ्फाजी|आत्म जल पर चिंता तक नहीं , मप्र में नयी जल नीति की घोषणा , शवराज अपने आत्म तथा सुसंस्कृति जल की नई नीति पहले बनाए,१३८ करोड़ भी अपना अपना आत्म जल, संरक्षण करे= अमेरीका में , २० हजार अवेध भारतीय , अधिकाँश जेल में बंद हें= भारत को नफरत, उन्माद,कुसंस्कृति, साम्प्रदायिकता , नाजी , कोकणी ,स्वछंदता तथा एतिहासिक बर्बरताओ का गुलाम भूखंड बनाने का कुकर्म जारी हें देश में= ज्न्कोश का दुरपयोग क्र रही सरकारे अपना नाजीवाद था व्यक्तिवाद थोपने ,सरकारे= गंगा की सफाई अफसर था जनता नहीं करना चाहती , कोर्ट ने चेतावनी दी= अतिक्रमण , दोहरा और दोगला चरित्र, सफ़ेद झूठ , सत्ता टोपेबाजी , दिखावे का धर्म और दान , विश्व गुरु भारत कु संस्कृति बन रही=सुसंस्कृति, कट्टर आध्यात्मिकता , राष्ट्रीयता तथा मानवीय तथा सामाजिक विहीन मूल्यों का भूखंड बन रहा भारत , अकाल म्रत्यु को भी न्योता दे रहा= सम्मेदशिखरजी पर्यटन केंद्र नहीं रहेगा , नाजी सरकार ने निर्णय वापस लिया , उल्टी गाजर खाना नाजी सरकार का चरित्र हें= उज्जैन का महाकाल मंदिर तथा परिसर, संघी अधिकार वाला पर्यटनी स्थल बना , जनता भी धृतराष्ट , मूक था बधिर बनी रही , धिक्कार , नगरी का आरुणी रंग भी काला ही हुआ= उतराखंड की अविवेकी निर्माण योजनाए , हिमालय के साथ खुली गद्दारी , हिमालय करवटे लेगा , भारत का नया मानचित्र बनेगा= नाजी , कोकणी, स्वछंदता , अतिक्रमण , सत्ता, कारपोरेट तथा स्वदेशी आतंकवाद , भारत तथा जनता के लिए आत्मघाती जहर हें= भारत सय्यादों की बस्ती हो रहा , साम्प्रदायिकता उन्माद की दुकाने कदम कदम पर= राष्ट्र का आरुणी रंग काला हो रहा , नकारात्मक विकास चरम पर=देश की १३८ जनता अपना अपना आत्म तथा विवेक दीप प्रज्वलित करे , धुना पहने दीपो से दीपोत्सव नहीं मनाया जाता=हम १३३८ करोड़ कतर धार्मिक हीन ,कट्टर आध्यात्मिक , राष्ट्र तथा सामाजिक बने=प्रकृति सम्मान सुधर्म ,सुसंस्कृति , सर्व सम्मान , सत्य, मानवीय मूल्य , प्रेम ,दया , और सहयोग ही हमारी जीवन यात्रा तथा अवतरण का डीएनए हें , हम अपना रंग आरुणी ही बनाए रखे