bhopalउज्जैनदेशमध्यप्रदेश अखिलेश यादव ने , नाजी सरकार पर , जोरदार हमला बोला , जुमले की सरकर नहीं चलेगी, evm हटा कर ही रहेगें, नाजी गेंग बोखलाई July 2, 2024July 2, 2024
आज की कड़वी बाते[२४-११-२३]राम , कृष्ण, शिव, महावीर और अल्ल्हा मंदिरों , मस्जिदों और आराधना स्थलों में नहीं होते हें, वे तो हमारी आत्मा , मन, मष्तिस्क, विचारों, कर्मो में , प्रेम भावना में ही रहते हें, यही सच्ची सनातन संस्कृति और सनातन धर्मी व्यवहार हें, भोतिक भक्ति तो महा पाप हें= मुझे आप से बात करना हें, आप बात क्यों नहीं करते हो , इसी पर बात करना हें , यही एक बात हें= २७ को कार्तिक पूर्णिमा, अनेक महा योग, विष्णु के पास प्रभार, लक्ष्मी बेहद प्रसंन्न, शिव ने देत्य का वध किया, नदियों तथा सरोवरों में दीप दान तथा प्रेम का आत्म दीप प्रज्वलित करने का महा योग भी= हमारे , सभी पूर्व तथा वर्तमान कर्मो का हिसाब भी यंही पर होता हें , हम अपने कर्मो का बही खाता अवश्य जाने= जो त्याग नहीं के सकता , वो हमेशा अतृप्त ए रहता हें , साधू संत हो या योगी,आम आदमी हो या भगवान्= हम स्वार्थ , अंहकार , झूठ तथा बहुरूपिये, रोबोट हो गये, सत्य सूर्य की धुप तक पसंद नहीं= हम रोज अपने आपको खोते हें , अपनी स्मृति तथा पहचान तक को राख बनाते हें, = लोग खूब खाते हें , जीने के लिए और भगवान् श्री कृष्ण को प्रतीक बताते हें, यदि खायेगें, नहीं तो जियेगें केसे?, नेता और अमीर धन घोटाले , चन्दा , झूठ और धन खाते हें , आम जनता भीख और प्रलोभन खाती हें, जी भर कर खाओ और जियो= सबसे सच्चा प्रेम करे , सत्य दीप बने और महा त्यागी बने , यही जीवन यात्रा का लक्ष्य हें, विवेकवादी बने और जीवन यात्रा को स्वर्णिम बनाये
देश के अनेक प्रदेशो में जल प्रलय, विदेशी तथा स्वदेशी आतंकियों के नंगे नाच देश में , अवेध पीएम , पुतिन के भोज का आनन्द ले रहे, दाश की जनता धिक्कार रही, सेना के जवानो की मोत हो रही , जनता त्रस्त हें , जल प्रलय चरम पर, पीएम अपनी छवि चमकाने में व्यवस्त , जनता धिक्कार रही,जलालत भरा जीवन , जीने वाले , मर क्यों नहीं जाते?
बाबा महाकाल मंदिर को , संघी तथा भाजपाई गेंग से मुक्त कराने का, महाकाल के सभी दर्शन, निशुल्क होने, कंडे की राख को भस्मी बता कर, उसका व्यापार करने वाली गेंग का संहार करने का, महाकाल समिति भंग करके , महाकाल न्यास, गठित करने का समय आ गया हें, महाकाल मन्दिर तथा परिसर को नाजी भाजपाई तथा vipवाद से मुक्त कराने का महा क्रान्ति पर्व और विजय पर्व का समय आया हें