उज्जैन में , मावठे की वर्षा से , रावणों के पुतलो की फजीहते हुई एक स्थान पर रावण का पुतला गिरा , बाद में उसको , दो भागो में बाता गया और उन्हें जलाया गया , वर्षा थमने के बाद , रावन के पुतले को खड़ा किया , नही जला तो , घाम्स्लेट दे जलाया गया , एक स्थान पर रावन का पुतला , आत्योको के उपर ही गिर पड़ा, एक स्थान पर रावन जला , नहीं उसे गलाया गया

उज्जैन अब महाकाल और कृष्ण की नगरी नहीं , गुंडा गेंग तथा माफियाओं की नगरी सिद्ध हो रही, राजनीति और धर्म के माफिया , गुंडे और पंडो का आतंक, बाबा सिद्धिकी की ह्त्या के तार उज्जैन में , महाराष्ट्र तथा उज्जैन पुलिस गुंडा गेंग की जांच कर रही , कितने दलीय नेता , गुंडा गेंग के संरक्षक? क्या जांच होगी?

देश की, ९०% जनता कहरा रही , नाजी , कोकणी तथा स्वदेशी आतंकियों के आतंक से , देश , नाजी , कोकणी तथा स्वदेशी आतंकियों के आतंक से , फिर भी मुर्फा हालत में , क्रान्ति करने का साहस तक नहीं, देश की जनता और व्यवस्था को गुलाम बना दिया , राजनीति और धर्म के पंडो और गुंडों ने