संकेतक नहीं होने के कारण आएदिन हो रहे सड़क मार्ग पर बड़े हादसे।

उज्जैन, आगर, झालावाड़ सड़क
निर्माण एजेंसी की लापरवाही उजागर।

शासन के करोड़ों रुपए पर सड़क निर्माण
एजेंसी लगा रही पलिता, जिम्मेदार भी मौन।

घट्टिया/दिपांशु जैन. उज्जैन, आगर, झालावाड़ टू- लेन सड़क मार्ग का निर्माण कार्य अब भी धीमी गति से चल रहा है। जिससे सड़क निर्माण एजेंसी की दिन ब दिन दिखाई देने वाली हर बड़ी- छोटी लापरवाही बड़े- बड़े हादसों का शिकार होती नजर आ रही है। सड़क निर्माण एजेंसी द्वारा निर्माण कार्य को लेकर दिखाई दे रही लापरवाहियां राहगीरों के लिए मौत का साया बनती नजर आ रही है। जब से सड़क मार्ग का निर्माण कार्य शुरु हुआ है, तब से लेकर आज तक अनेकों राहगीर अपनी जान जोखिम में डालकर मौत के घाट उतर चूके है। लेकिन सड़क निर्माण एजेंसी पर इसका कोई असर दिखाई नहीं दे रहा है। शायद इनके कोई माई- बाप नहीं है। साथ ही जिला प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारी और कर्मचारी भी अपनी आपसी सांठ- गांठ के कारण चुप्पी साधे बैठे नजर आ रहे हैं।
दरअसल मामला यह है कि उज्जैन, आगर सड़क मार्ग के चल रहे निर्माण कार्य के दरम्यान ग्राम निपानिया गोयल में निर्माणाधीन टोल- प्लाजा पर संकेतक नहीं लगे होने के कारण आए दिन चौपहिया वाहन तो बड़े ट्रक या कंटेनर बड़े- बड़े हादसों का शिकार होते नजर आ रहे है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक ग्राम निपानिया गोयल में निर्माणाधीन टोल- प्लाजा पर संकेतक नहीं लगे होने के कारण गुरुवार देर रात को एक ओवरलोड ट्रक बीच सड़क पर बनाई गई रेलिंग और डिवाइडर पर घसीटाते हुए करीब दस फिट तक पहुंच गया। हांलाकि आगे- पीछे वाहन नहीं होने और ट्रक के पलटी नहीं खाने पर कोई जनहानि नहीं हुई। लेकिन ट्रक के रेलिंग से करीब दस फिट तक घसीटाने पर रेलिंग पूरी तरह टूट गई। लेकिन ट्रक ड्राइवर की सजगता के कारण गनीमत रही की कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ। ट्रक लगभग दो दिनों तक वहीं खड़ा रहा। शनिवार को देर शाम 7 बजे के लगभग संबंधित ट्रक मालिक ने दूसरा ट्रक भिजवाकर रेलिंग और डिवाइडर के बीच फंसे ट्रक से अपना माल खाली करवाते हुए जेसीबी और क्रेन की मदद लेकर ट्रक को बीच रेलिंग और डिवाइडर से बाहर निकाला।