आज की कड़वी बातें[२८-९-२०२३]इंसान , छोटा , बड़ा , गरीब तथा अमीर नहीं होता हें , मात्र सोच का अंतर हें, हर शव पर कफन तो एक जेसा ही हम , देखते हें= भारत में लोग तो कफन के तार और कफन तक चुराने की आदत और चरित्र बना रहे हें= देश का आसमी हर दिन अनेको बार आत्म ह्त्या क्रेता हें , मरता हें तथा फिर ज़िंदा हो जाता हें=राख और मिट्टी बनना, ओंसान का अंतिम लक्ष्य होता हें , और उस राख तथा मिट्टी की पहचान भी संभव नहीं= जो अंहकार , सफ़ेद झूठ , जुमलो .शाब्दिक लफ्फाजी, कुधर्म , कुसंस्कार तथा सनातन धर्म की शातिर तथा षड्यंत्री हरया के र्बोत हें , वे इंसान नहीं , शातिर दत्य हें , ईश्वर तक को अपने उदर में समाते हें=राजनीति धर्म के उन्मादी पंडो और गुंडों का आतंक चरम हें, सभी मानवीय तथा धाय्तमिक मूल्यों के हत्यारे हें= देश में इंसानों का dna तक जहरीला हो गया , ऐसा विकास हमारा हुआ=सभी आराधना स्थल , पर्यटन और व्यापार केंद्र हो गये, सच्चा धर्म तो गायब हो गया= हम अपने आप में , नेक और सच्चे इंसान बने, यही सबसे बड़ा चमत्कार हें