कडवी बाते[१०-८-२४] उज्जैन में , ५ लाख से अद्शिक , लोग दर्शन करने हेतु आये , सच्चे आध्यात्म से नाम मात्र के , पिकनीक मनाने ही आये= हम कट्टर आध्यात्मिक बने,कट्टर धार्मिक तथा अंध नहीं= देश में हिन्दू , मुस्लिम की भावना , राजनेतिक तथा संघ का शातिर खेल= हमारा सबका धर्म , सनातन धर्म= भारत, सनातन धर्मी, राष्ट्र हे आदर्शी , समाजवादी राष्ट्र उसकी आत्मा हें= काले हो या गोर , कोई भी जात या वर्ग केन हो , खून हमारा लाल ही हें , मोट हम सबका पडाव हें ,ईश्वर का नियम भी यही हें= अंध , विश्वाश , अंहकार , पाखण्ड , झूठ , महा पाप हें=देश के सभी आराधना स्थलों के लिए , एक क़ानून हो= आराधना स्थलों पर , एकाधिकार तथा धनखोरी हेतु , विवाद हो रहे= एतिहासिक बर्बरताओ को , भूलना जरुरी , स्व अटलजी ने भी यही कहा था= जनता के नोकर , जनता को ही भिकारी मान रहे, जनता अब उन्हें , भिकारी बनायेगी