उज्जैन महाकाल सवारी , सवारी न्हेन्न , जन कष्ट तथा लोक कष्ट की सवारी= महिलाओं , बच्चो ने प्राशासन को धिक्कारा= कंथा से लेकर , चोक तक सेन्ट्रल पार्किंग तथा रोड के दोनों तरफ , वाहनों से अतिक्रमण= उत्पाती तथा उन्मादी तत्व , बेरीकेट्स पर भी चढ़े= पैदल यात्रियों की भी फजीहत हुई= भीड़ प्रबधन भी फ्लाप हुआ= १५०० दम्रुओ की ध्वनी को मंगल नाद घोषित किया गया= रोड रोमियो ने भी अपने करतब , दिखाए= बार बार सुझाव देने के बाद भी प्रशासन ने , सवारी मार्ग इको तेलीवाडा , कंठाल , सतीगेट नहीं किया , सभी प्रकार के हादसों के लिए ,प्रशासन , पुलिस तथा , मंदिर समिति दोषी ,ये भी उन्माद ही हें , जनता के नोकर , जन सुझाव को ना माने , ये भी अपराध ही हें= पुलिस तथा प्रशासन व मंदिर समिति में बदलाव जरुरी= ये बाते परिकल्पना नहीं हें , जो घटित हुआ हें , उसी का शास्वत सत्य हें= सीएम मोहन याद्व भी सत्य पर गंभीर चिंतन करे और निर्णय ले =सवारी में , देवड़ा , गोविन्द राजपूत तथा टेके शरीक हुए