नाजी गेंग का गुलाम , बंधुआ , मोदी मीडिया , अपनी आत्मा , चरित्र तथा संवाद धर्म को , अपनी हथेठेली पर रख कर स्वाद से खा रहा , जनता धिक्कार रही , उसे शर्म तक नहीं आ रही , शर्म क्यों आये , कारपोरेट का गुलाम तथा बंधुआ जो हें