उज्जैन। पंचक्रोशी यात्रा प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी निकलेगी। पंचक्रोशी यात्रा 3 मई से प्रारम्भ होगी और 7 मई को यात्रा का समापन होगा। कलेक्टर श्री नीरज कुमार सिंह ने पंचक्रोशी यात्रा से सम्बन्धित बैठक लेकर सम्बन्धित अधिकारियों को पड़ाव एवं उप पड़ाव तथा यात्रा मार्ग की समुचित व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिये। कलेक्टर ने सम्बन्धित अधिकारियों को पड़ाव एवं उप पड़ाव तथा यात्रा मार्ग की व्यवस्थाओं को 25 अप्रैल तक अनिवार्य रूप से सुनिश्चित करने के निर्देश दिये। पटनी बाजार स्थित श्री नागचंद्रेश्वर मन्दिर से प्रारम्भ होकर सम्पूर्ण यात्रा मार्ग का निरीक्षण अधिकारियों द्वारा शुक्रवार 5 अप्रैल को प्रात: 8 बजे से किया जायेगा।
कलेक्टर श्री नीरज कुमार सिंह ने लोक निर्माण विभाग एवं पीएमजीएसव्हाय के अधिकारियों को निर्देश दिये कि यात्रा मार्ग में जहां शोल्डर ठीक करना है, वहां मार्ग का दुरूस्तीकरण कराया जाये। साथ ही यात्रा मार्ग में रोड पर झाड़ियों की कटाई-छंटाई की कार्यवाही की जाये। जहां बेरिकेटिंग की व्यवस्था करना है, वहां बेरिकेटिंग की व्यवस्था की जाये।
रोड डायवर्शन जहां होना है, उसका प्लान तैयार कर समुचित कार्यवाही की जाये। पड़ाव स्थलों पर समतलीकरण, मार्ग का संधारण, मन्दिरों में बेरिकेटिंग आदि की व्यवस्था की जाये। शुद्ध पेयजल पड़ाव स्थलों के साथ-साथ यात्रा मार्ग के प्रति 500 मीटर की दूरी पर यात्रियों के लिये पेयजल की व्यवस्था की जाये।
यात्रियों के लिये पेयजल एवं स्नान की पृथक-पृथक व्यवस्था की जाये। शनि मन्दिर एवं कालियादेह महल पर यात्रियों के नहाने के लिये नगर निगम द्वारा स्नान की व्यवस्था की जाये। पड़ाव स्थलों पर चलित शौचालय की व्यवस्था की जाये। चलित शौचालयों में जल की उपलब्धता रहे।
कलेक्टर श्री नीरज कुमार सिंह ने विद्युत विभाग के अधिकारी को निर्देश दिये कि प्रत्येक पड़ाव एवं उप पड़ाव स्थलों पर तथा यात्रा मार्ग में जहां आवश्यक हो वहां विद्युत सप्लाय हेतु ट्रांसफार्मर एवं अन्य संधारण का कार्य कराया जाये। इस व्यवस्था की सेफ्टी के लिये प्रमाण-पत्र उपलब्ध कराया जाये। सतत विद्युत प्रवाह मिले, इसके लिये विद्युत विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों को तैनात किया जाये। अस्थाई प्रकाश व्यवस्था के लिये सम्बन्धित जनपद पंचायतों को अस्थाई कनेक्शन उपलब्ध कराये जायें। पड़ाव स्थलों पर ऑटोमैटिक जनरेटर की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाये। कलेक्टर ने निर्देश दिये कि पड़ाव स्थलों पर बेसिक जिम्मेदारी जनपद पंचायतों की रहेगी।
कलेक्टर ने सम्बन्धित क्षेत्रों के एसडीएम को निर्देश दिये कि वे अपने-अपने क्षेत्रांतर्गत आने वाले पड़ाव स्थलों एवं यात्रा मार्ग का निरीक्षण कर आवश्यक व्यवस्थाएं यात्रियों के लिये सुलभ कराई जाये। खाद्य विभाग के अधिकारी को निर्देश दिये कि बाजार भाव से खाद्य सामग्री उपलब्ध करवाये जाने की समुचित व्यवस्था की जाये। सामाजिक न्याय विभाग के अधिकारी को निर्देश दिये कि पड़ाव स्थलों पर कला पथक दल के कलाकारों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित कराये जायें।
शिक्षा विभाग के अधिकारी को निर्देश दिये कि यात्रा मार्ग एवं पड़ाव स्थल पर समस्त विद्यालय भवनों में पेयजल व्यवस्था एवं उनमें निर्मित शौचालय मय जल उपलब्धता सुनिश्चित कराई जाये। यात्रा मार्ग एवं पड़ाव स्थलों पर यात्रियों की सुरक्षा व्यवस्था के लिये पुलिस बल तैनात किये जायें। होमगार्ड के अधिकारी को निर्देश दिये कि यात्रा के दौरान कालियादेह महल एवं शनि मन्दिर आदि पर होमगार्ड के जवानों को तैनात किया जाये।
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी को निर्देश दिये कि पंचक्रोशी यात्रियों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए पर्याप्त दवाई, मलहम आदि की व्यवस्था के साथ चिकित्सालय के मय स्टाफ, उपकरण एवं एम्बुलेंस की व्यवस्था कर पेट्रोलियम जैली का वितरण की व्यवस्था की जाये।
कलेक्टर ने सम्बन्धित जनपद पंचायतों के अधिकारियों को निर्देश दिये कि पड़ाव स्थलों पर सीसीटीवी कैमरे लगवाये जायें और फायर ब्रिगेड की व्यवस्था की जाये। वन विभाग के अधिकारी को निर्देश दिये कि पड़ाव स्थलों पर मधुमक्खी के छत्ते हों उन्हें हटाया जाये, ताकि घटना-दुर्घटना न हो।
पड़ाव स्थलों पर आने वाले यात्रियों का स्वागत-वन्दन महिला बाल विकास विभाग के द्वारा किया जाये। कलेक्टर ने सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश दिये कि जिन-जिन विभागों को जिम्मेदारी सौंपी गई है, वे 25 अप्रैल तक समुचित व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाये। जहां आदेश निकालना है, वहां आदेश जारी कर सम्बन्धितों को दायित्व सौंपे जायें, ताकि पंचक्रोशी यात्रा में बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की कठिनाई न हो सके।
उल्लेखनीय है कि श्री महाकालेश्वर मन्दिर मध्य में स्थित है। तीर्थ के चारों दिशाओं में क्षेत्र की रक्षा के लिये महादेव ने चार द्वारपाल शिवरूप में स्थापित किये हैं, जो धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष प्रदाता हैं। जिनका उल्लेख स्कंदपुराण अन्तर्गत अवन्तिखण्ड में है। पंचेशानी यात्रा जिसे पंचक्रोशी यात्रा कहते हैं, इन्हीं चार द्वारपालों की कथा, पूजा विधान में इष्ट परिक्रमा का विशेष महत्व है। पंचक्रोशी के मूल में इसी विधान की भावना है। स्कंदपुराण के अनुसार अनन्तकाल तक काशीवास की अपेक्षा वैशाख मास में मात्र पांच दिवस अवन्तिवास का पुण्यफल अधिक है।
वैशाख कृष्ण दशमी पर शिप्रा स्नान व पटनी बाजार स्थित नागचंद्रेश्वर मन्दिर में पूजन के पश्चात पंचक्रोशी यात्रा आरम्भ होती है, जो 118 किलोमीटर की परिक्रमा करने के पश्चात कर्क तीर्थवास में समाप्त होती है और तत्काल अष्टतीर्थ यात्रा आरम्भ होकर वैशाख कृष्ण अमावस्या को शिप्रा स्नान के पश्चात यात्रा का समापन होता है।
वैशाख कृष्ण दशमी 3 मई से यात्रा प्रारम्भ होकर वैशाख कृष्ण अमावस्या 7 मई को यात्रा का समापन होगा। यात्रा के पड़ाव एवं उप उपड़ाव स्थलों में क्रमश: पिंगलेश्वर, करोहन, नलवा, अंबोदिया, कालियादेह महल, जैथल, उंडासा रहेंगे।
बैठक में एडीएम श्री अनुकूल जैन, एसडीएम श्री अर्थ जैन, श्री एलएन गर्ग, श्री करजरे, नगर निगम उपायुक्त कृतिका भीमावद, जिला पंचायत के अपर सीईओ श्री ब्रजेश पटेल सहित विभिन्न विभागों के अधिकारीगण उपस्थित थे।