आज की कड़वी बातें[११-१-२०२३] राष्ट्र, समाज , जनता, विधान , संविधान , व्यवस्था, सत्य, नेतिकता , सनातन धर्म , तिरंगे, तथा राष्ट्र के आरुणी रंग तथा अस्तित्व की दुश्मन हें , नाजी, कोकणी , कार्पोरेट्स , धनकुबेर तथा स्वदेशी आतंकी गेंग= देश में राष्ट्रपति पद की गरिमा समाप्त हो रही हाल , राज्यपाल पदों की, उपराष्ट्रपति नाजी गेंग का चेहरा= इन्दोर- राष्ट्रपति के श्रीमुख से नाजी गेंग की सत्तावादी काली तथा प्रदूषित गंगा , भविष्य के सपनो का भ्रम तथा वर्तमान की उपेक्षा= प्रवासी सम्मेलन तथा निवेशक मीत भी सत्तावादी तथा व्यक्तिवाद थोपने वाला शातिर नाटक तथा नोटंकी= जोशी मैथ के पतन की जिम्मेदार सरकारे तथा उनकी अविवेकी तथा अवेज्ञानिक योजनाए= हिमालय के साथ छेड़कानी मंहगी पड़ेगी , भारत का मानचित्र ही बदल जाएगा , भारत साइबेरियन जलवायु वाला , राष्ट्र हो जाएगा,भूकंप के क्रम जारी रहेगें= पथ्थरो तथा सीमेंट कांक्रीट के जंगलो में भगवान् नहीं बसते हें ,उनका सही स्थान तो आत्मा तथा घर हें= प्रदूषित पानी भी अहम समस्या , पानी में एंटी बायोटिक मात्रा अधिक , लोग बीमार तो होंगें ही= १३८ करोड़ जनता का आत्मिक तथा बोद्धिक जल तक प्रदूषित , नाजी , कोकनी , स्वदेशी आतंकी , साधू संत तथा धनकुबेर चेहरे अपराधी= फ्लो तथा सब्जियों में भी पेसटीसाइड की मात्रा=इन्दोर- मप्र के घोषणा सिंह सीएम, जनकोष के दुरपयोग के दोषी , गढ़ारो के साथ सत्ता अपहरण से आज तक , विज्ञापनों पर कितने करोड़ व्यय किये? नाजी तथा कोकणी गेंग के व्यक्तिवाद तथा संघी साम्राज्य विस्तार हेतु? एक अहम सवाल , क्या उत्तराखंड , पुरानेहीम खंड पर बसा हें , जो अब पिघल रहा हें पावर योजनाओं के कारण , सर्वे जरुरी= केदारनाथ भी डूब क्षेत्र में= देश , सत्तावादी नाटको का मंच बना=देश केसभी आराधना स्थल पर्यटन तथा व्यवसाय केंद्र बनाये जा रहे , धिक्कार= देश में सनातनी संस्कृति व्यवहार अंतिम संस्कार कर रही नाजी , कोकणी तथा सत्तावादी गेंग= स्वघोषित विश्व गुरु तथा धर्म गुरुओ की फोज , बहुरुपिया वाद भी चरम पर = राष्ट्रपति , उपराष्ट्रपति तथा राज्यपाल , भी बदनाम हो रहे , नाजी गेंग के हाथो की कठपुतली बन कर, अपने आप को सुधारे , अन्यथा जनता के हमले होंगें देश की जनता मुर्ख नहीं हें , वह ,सत्य , षड्यंत्रों की पारखी भी हें= हम तो राष्ट्र के सत्यवादी , आरुनी रंग , माँ भारती तथा तिरंगे के रक्षक सेनिक हें