१६ संस्कारों , ६४ कलाओं तथा १८ विधाओं से , नकली हिन्दू गेंग को कोई सरोकार ही नही = देवत्त्व स्वरूप हेतु, आत्म चिंतन तथा,कट्टर आध्यात्मिक होना ही सच्ची साधना और , ईश् भक्ति हें= महाकाल मंदिर में शतिर ठगों , धनखोरो , दल्लो, चार टांगो तथा दो टांगो वाले श्वानो शातिर लुटेरो के कदम कदम पर डेरे हें क्षिप्रा फिर हुई , प्रदूषित , नहाने तथा आचमन योग्य , जल भी नहीं , प्रदूषित पानी की डबरी ही हें= शहर का विवेकी तथा व्यवहारिक विकास , अनिवार्य