स्व अटलजी के भावनात्मक सन्देश [१६-८-२०२३] देश में आजादी आज भी अधूरी हें क्यों की , राष्ट्रीय भावना , सामाजिकता , राष्ट्र धर्म का पतन हो रहा हें , सनातन धर्म के dna तक को जहरीला बनाया जा चुका हें, ऐतिहासिक बर्बरताओ के आधार पर , राष्ट की भावनात्मक एकता ko समाप्त की जा रही, उदार गांधीवाद ही सच्चे विकास का मार्ग हें=में अनुशासन में बंधा हु, यदि जुबान खोल दी तो , सारे षड्यंत्र उजागर होगें , नाजी और कोकणी गेंग= गुजरात दंगो से अटलजी दुखी थे, दंगा ग्रस्त क्षेत्र में गये थे , और कहा था , में यंहा लाशें गिनने नहीं आया हु शान्ति , सद्भाव हेतु आया हु, उस समय भी अटलजी का मजाक उड़ाया था और कुटिल अपमान किया था, अटलजी स्व राजीव गांधी के राजनेतिक गुरु थेतथा सोनिया गांधी की शहीद की माता का दर्जा देकर उनका सम्मान करते थे, नाजी गेंग , आज उनका मजाक उड़ाती हें=अटलजी सनातन धर्म तथा सनातनी सुसंस्कृत व्यवहार के मानक थे= अटलजी सच्चे राष्ट्रवादी , त्यागी, राजनेतिक संत तथा मानवीय मूल्यों के रक्षक थे, इसी कारण , अटलजी तथा उनके शिष्य स्व राजीव गांध जनता के ह्र्दय में हें= देश की १४० करोड़ जनता की और से स्मरण तथा श्रद्धा सुमन