संघ को भंग करने तथा उसकी चल/अचल , सम्पत्ति भारत माता मंदिरसहित , राष्ट को समर्पित करने का समय , आ गया हें?मोहन के हाथो की भाग्य रेखा में त्याग ही त्याग हें, मोहनजी,मोहन से ही पूछ लें