रूस-यूक्रेन जंग: रूस की यह स्थिति भारत को परेशान करने वाली क्यों?

जेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी चीन, रूस और भारत को साहेब, बीवी और ग़ुलाम कहते हैं. स्वामी चीन को साहेब, रूस को बीवी और भारत को ग़ुलाम बताते हैं. स्वामी कहते हैं कि चीन अपने हितों के लिए ‘बीवी’ का इस्तेमाल करता ही है और ‘ग़ुलाम’ के पास हाथ मलने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचता है.

अब कई विशेषज्ञ इस बात को मान रहे हैं कि यूक्रेन युद्ध ने रूस को चीन पर ज़्यादा निर्भर बना दिया है और भारत के लिए स्थिति ज़्यादा जटिल हो गई है.

पिछले साल सितंबर महीने में उज़्बेकिस्तान में शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गेनाइज़ेशन (एससीओ) समिट से अलग चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की बैठक हुई थी.

इस बैठक में शी जिनपिंग ने पुतिन को ‘प्रिय और पुराना दोस्त’ कहा था. हालांकि पुतिन ने इस बात को स्वीकार किया था कि चीनी राष्ट्रपति ने यूक्रेन संकट को लेकर चिंता जताई थी. राष्ट्रपति पुतिन ने भी यूक्रेन संकट में चीन के ‘संतुलित रुख़’ की तारीफ़ की थी.

सएसीओ समिट में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी गए थे और उनकी भी पुतिन के साथ द्विपक्षीय बैठक हुई थी. पीएम मोदी ने कैमरे के सामने पुतिन से कहा था कि यह युद्ध का दौर नहीं है.