हाल ही में एक धार्मिक शख्स ने सनातनी धर्म और उसकी रक्षा के मुद्दे पर अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि किसी भी व्यक्ति को अपनी आस्थाओं का पालन करने में कोई संकोच नहीं करना चाहिए, चाहे वह कपड़े पहनने या लिपस्टिक लगाने जैसे मामूली मुद्दे हों। उनका मानना था कि धर्म को सिर्फ बाहरी रूप से नहीं देखा जाना चाहिए, बल्कि इसका असली मतलब इसके भीतर की आस्था और विश्वास से है।
उन्होंने यह भी कहा कि सनातनी धर्म में कोई फर्क नहीं पड़ता यदि किसी ने कपड़े पहने या नहीं पहने, या फिर लिपस्टिक लगाई हो। इसके बावजूद, सबसे जरूरी बात यह है कि सनातन धर्म की रक्षा की जाए और उसे आगे बढ़ाया जाए।
उनका कहना था, “हम तो महादेव के भक्त हैं, हम जो चाहें पहन सकते हैं, लेकिन हमारा उद्देश्य सिर्फ धर्म की रक्षा करना है।” इस दौरान उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कुछ लोग सनातनी धर्म के असली मुद्दों से भटकते हैं, जैसे गोहत्या और बच्चों पर अत्याचार, जबकि वह अपनी छोटी-छोटी बातों पर ही ध्यान दे रहे हैं।
इसके अलावा, उन्होंने टेक्नोलॉजी का समर्थन करते हुए कहा कि आज के समय में इसे अपनाना कोई गलत बात नहीं है। कई संत और बाबा आजकल लैपटॉप और मोबाइल का इस्तेमाल कर रहे हैं, इसलिए यह जरूरी नहीं कि धर्म के पालन में इनका इस्तेमाल न किया जाए।
अंत में, उन्होंने आगामी महाकुंभ मेले के बारे में बात की और कहा कि इस मौके पर सनातनी धर्म को कैसे आगे बढ़ाया जाए, इस पर चर्चा की जाएगी।
जनता से उन्होंने यह भी कहा कि अगर किसी को उनके पहनावे या आदतों से कोई समस्या हो, तो वे अपनी आस्थाओं में विश्वास बनाए रखें और समाज के असली मुद्दों पर ध्यान दें।
उनकी बातों ने इस बात की याद दिलाई कि धर्म का पालन करना सिर्फ बाहरी आडंबर से नहीं, बल्कि आस्था और विश्वास से होता है।