ब्रेकिंग न्यूज[सुझाव]६-२-२०२३] तुर्की और सीरिया की भूकंप त्रासदी के दर्द में हम, उनके हमदर्द बन रहे हमारी सनातन संस्कृति व्यवहार और जीवत्व की रक्षा का प्रमाण हें= तुर्की और सीरिया भूकंप त्रासदी से सबक भी लेना हें=[१] हिमालय तथा तराई की रक्षा युद्ध स्तर पर करना हें [२] तुर्की त्रासदी में दिवंगत स्कोर , २५०० से अधिक हो गया हें , ११ हजार से अधिक घायल हो चुके हें , बार बार रुक रुक कर और झटके आ रहे हें , ताजा झटका , ७.३ तीव्रता का रहा हिमालय करवटे लेने का संकेत दे चुका , यदि हमने होमालय की रक्षा नहीं की तो , भारत का मानचित्र बदल जाएगा, जिसके स्वरूप की कल्पना ,भयावह हें[३] भारत की प्राकृतिक संरचना का सर्वे तुरंत कराया जाए तथा भूकंप , भुधासन तथा भू संख्लन क्षेत्र , सार्वजनिक किये जाए[४] सभी क्षेत्रो में अविवेकी योजनाए नही बनाई जाए[५] भारत की जमीन , पहाडो तथा नदियों का संरक्षण किया जाए[६] समुन्द्र का जल स्तर बढ़ रहा नें , इस कारण अनेक भाग डूब क्षेत्र में हें , समुंदर टत के पास बसे सभी शहर ,३-४ किमी दूर हटाये जाए[७] हिमालय की तराई वाले , प्रदेशो में भारी उद्धोग ,पावर प्लांट तथा बड़े बाँध नहीं बनाए जाए तथा अविवेकी उत्त्खानन बेन किये जाए= सुजाव भारत की रक्षा हेतु हें ,उन पर गंभीरता से अमल किया जाए| एसा नहीं किया तो धरती , ५ मिनीट तक हिल सकती हें , ,उत्तर भारत की हालत दयनीय हो सकती हें, १२ से १३ तीव्रता का भूकंप भी आसकता हें ,हिमालय से निकलने वाली नदिया सुख सकती हें या अपना नया मार्ग भी बना सकती हें भारत का जलवायु भी बदल सकता हें , हिमालय की जगह , हिमालय सागर भी लहरा हें | उपरोक्त हालात परिकल्पना नहीं हें, भविष्य का शाष्ट सत्य भी हें , भारत को कल्पांत का अवशेष बनने से बचाना भी हें , कृष्णत्व[जीवत्व] रक्षा भारत का सनातनी धर्म भी हें|