बीड़ी, सिगरेट, पान- तंबाकू, शराब,जुआ, सट्टा और चोरी- बेईमानीआदि से मनुष्य का जीवन नहींचलता है, मनुष्य का जीवन तोदान- पुण्य और धार्मिक आयोजनोंको करने से चलेगा : प्रज्ञा विष्णु प्रियाजी।

घट्टिया/दिपांशु जैन. बीड़ी, सिगरेट, पान- तंबाकू, शराब, जुआ, सट्टा और चोरी, बेईमानी आदि से मनुष्य का जीवन नहीं चलता है। मनुष्य का जीवन तो दान- धर्म, पुण्य और धार्मिक आयोजनों में सहभागी बनने चलेगा। परमात्मा की भक्ति और श्रीमद्भागवत कथा का श्रवण और धर्म के संस्कारों को अपने मनुष्य जीवन में ग्रहण करने मात्र से ही घर- परिवार में सुखमय जीवन जीने का आशीर्वाद प्राप्त होता है। लेकिन आज का मानव पाप ही पाप के कार्य करते हुए अपने जीवन की नरक गति के द्वार खोल रहा है। इससे उनका और उनके परिवार का भी सर्वनाश हो जाएगा। यह बात तहसील मुख्यालय के अतिप्राचीन श्री लवखेड़ी धाम स्थित श्री लवखेड़ा हनुमान मंदिर के श्री लवखेड़ी मानस मंडल एवं श्री लवखेड़ी हनुमान मंदिर आयोजन समिति के तत्वावधान में संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा के चतुर्थ दिवस कथावाचक राष्ट्रीय संत तेजस्वी आध्यात्मिक गुरू एवं ओजस्वी बाल व्यास परम पूज्य दीदी प्रज्ञा विष्णु प्रिया जी (वृन्दावन धाम) ने कहीं।

कथावाचक प्रज्ञा विष्णु प्रियाजी ने कथा स्थल पहुंचकर चतुर्थ दिवसीय कथा की शुरुआत करते हुए हजारों श्रद्धालुओं को श्रीकृष्ण जन्मोत्सव के प्रसंग का वर्णन कर कथा का श्रवण करवाया। कथा के दौरान हजारों श्रद्धालुजनों ने श्रीकृष्ण जन्मोत्सव की खुशियां मनाई। श्रीकृष्ण जन्मोत्सव को लेकर श्रद्धालुजन बड़ी धूम- धाम के साथ झुमे। साथ ही दही- माखन, मिश्री, चॉकले आदि का प्रसाद बांटा। कथा के चतुर्थ दिवसीय यजमान दरबारसिंह सोलंकी जलवा, महेंद्र प्रजापत घट्टिया आदि का परिवार रहा। जिन्होंने व्यासपीठ का पूजन कर कथावाचक प्रज्ञा विष्णु प्रियाजी को तिलक लगाकर चतुर्थ दिवसीय कथा की शुरुआत की। कथा में पूजन विधी पं. संजय शर्मा, अर्जुन शर्मा, शिवम शर्मा ने संपन्न करवाई। कथा समापन के उपरांत महाआरती के बाद महाप्रसादी का वितरण हुआ। इस दौरान कथा में प्रमुख रुप से पं. दिवाकर पाठक, पं. शुभम व्यास, हर्षित चौहान, आकाश राव, राहुल बारोट, विजयसिंह सोलंकी, संतोष पटेल, कैशव पटेल सहित हजारों श्रद्धालुजन, महिलाएं आदि मौजूद रही। संचालन भगवानसिंह सोलंकी जलवा ने किया।