उज्जैन रिपोर्ट (रघुवीर सिंह पंवार ) मध्य प्रदेश में पत्रकार सुरक्षा अधिनियम और मीडिया के अधिकारों को लेकर पत्रकारों ने एकजुट होकर महत्वपूर्ण मुद्दे उठाए। इस दौरान पत्रकारों ने सरकार से पत्रकार सुरक्षा अधिनियम लागू करने की पुरजोर मांग की।
एक सभा में वक्ताओं ने बताया कि पत्रकार सुरक्षा अधिनियम का प्रारूप पहले ही तैयार कर सरकार को सौंपा गया था, लेकिन अब तक इसे अमल में नहीं लाया गया है। पत्रकारों ने इस प्रक्रिया को तेज करने की अपील की और कहा कि अगले छह महीनों में इस कानून को मूर्त रूप देना आवश्यक है।
राष्ट्रीय मीडिया आयोग की मांग
सभा में राष्ट्रीय मीडिया आयोग के गठन का मुद्दा भी जोर-शोर से उठाया गया। पत्रकारों ने कहा कि मीडिया की स्वतंत्रता और निष्पक्षता को बनाए रखने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर एक आयोग का गठन बेहद जरूरी है।
गांव-देहात के पत्रकारों को मान्यता दिलाने की अपील
ग्रामीण पत्रकारों के अधिकारों और मान्यता के विषय में भी चर्चा की गई। वक्ताओं ने आरोप लगाया कि बड़ी संस्थाएं ग्रामीण पत्रकारों की खबरें अपने नाम से प्रकाशित कर देती हैं, जिससे इन पत्रकारों के अधिकारों का हनन होता है।
सम्मान निधि का मुद्दा
पत्रकारों ने सरकार से यह अपील की कि सम्मान निधि प्रदान करने में मान्यता की अनिवार्यता को हटाया जाए, ताकि हर पत्रकार को इसका लाभ मिल सके। उन्होंने कहा कि वरिष्ठ पत्रकारों और संघर्षशील पत्रकारों को यह सुविधा प्राथमिकता के आधार पर मिलनी चाहिए।
निजी प्रयासों से पत्रकार सेवा शुरू
सभा में बताया गया कि पत्रकार संगठन ने निजी स्तर पर पत्रकार सेवा योजना शुरू की है, जो जरूरतमंद पत्रकारों की मदद के लिए तत्पर है।
पत्रकारों ने सरकार से अपील की कि वे उनके अधिकारों और सुरक्षा को सुनिश्चित करें, जिससे वे निष्पक्ष और निर्भीक पत्रकारिता कर सकें।