देश में गरीबी की सीमा रेखा नहीं , अमीरी की सीमा रेखा तय हो , उसकी इकाई परिवार हो , परिवार चाहे विभक्त हो या सयुंक्त, धन और धरती का समान वितरण , अनिवार्य, एसा होना साम्यवाद नहीं , आदर्शी समाजवाद होगा