भोपाल 19/12/2023 (महेश यादव जिला व्यूरो नर्मदापुरम) मण्डला ॐ नमो नर्मदे सेवा समिति के अध्यक्ष रेनू कछवाहा दशरथ माझी के जीवन से सीख लेकर बना डाला बंजर नदी पर नर्मदा परिक्रमा वासियों के लिये रास्ता जहां पर आज दिनांक तक शासन प्रशासन की निगाह तक नहीं पहुँच पायी वहां रेनू कछवाहा की मेहनत रंग लाई 10 किलो मीटर का रास्ता महज 1 किलोमीटर पैदल चल कर पूरा किया जा सकता है। यहां पर प्रशासन इतने दिन मौन क्यों रहा क्या प्रशासन की निगाह पर यह रास्ता नहीं था या अनदेखा किया गया ? खैर
मण्डला के उपनगरी क्षेत्र महाराजपुर में बंजर नदी और मां नर्मदा नदी के बीच संगम घाट से यह रास्ता जाता है जो रामबाग, पुरवा, शकवाह शक़्कर मील, पीपरपानी, हृदयनगर, रामनगर, मधपुरी जो जोडता है। इसी प्रकार महाराजपुर के उपनगरी क्षेत्र के गांव आते है। नदी के उस पार मां नर्मदा नदी संगम घाट को जोडता है। परिक्रमा वासियों के लिये एवं ग्रामवासियों के लिये यह रास्ता सुगम हो जाता है। इस रास्ते को पार कर ग्रामवासी लखनादौन, नरसिंहपुर एवं भोपाल होते हुए बस से सफर कर सकते है।
रेनू कछवाहा के द्वारा बताया गया कि महाराजपुर स्थित संगम तट पर जहां मैया नर्मदा एवं बंजर नदी का संगम होता है यह बहुत ही प्रसिद्ध स्थान है यहां पर दूर-दूर से लोग पूजा पाठ करने एवं स्नान करने आते हैं और यही एक कच्चा मार्ग नर्मदा परिक्रमा वासियों के लिए भी है और दूसरा रास्ता 8 से 10 किलोमीटर की दूरी पर जाता है इसीलिए पैदल परिक्रमासी इसी मार्ग पर चलते हैं
इस मार्ग को लेकर राजनीतिक गर्मा गर्मी तो चल रही है इस पुल के लिए कई वर्षों से मांग भी उठी लेकिन यहां के स्थानीय नेताओं के द्वारा यहां के पुल को लेकर कोई बड़े कदम नहीं उठाए है जिस कारण पुल नहीं बन पाया, 8 से 10 वर्ष पहले यहां पर कच्चे रास्ते बनाकर ठेका होता था इसमें लोग पैदल या टू व्हीलर वाहन से चले जा सकते रहे लेकिन यहां पर अब ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है यह मार्ग बनना बहुत ही जरूरी था क्योंकि महाराजपुर से सीधा रास्ता दर्जनों गांव को जोड़ता है और यहीं से नर्मदा परिक्रमवासी भी गुजरते हैं नाव की व्यवस्था न होने की वजह से घंटो परिक्रमावासी परेशान भी होते हैं अन्य परेशानियों को देखते हुए हमने एक पैदल रास्ता बनाने का मन बनाया और कार्य प्रारंभ कर दिया ताकि परिक्रमावासी एवं स्थानीय लोग भी आना-जाना कर सके दो दिनों से यह कार्य जारी है जिसमें सहयोगी के तौर पर लालाराम चक्रवर्ती, श्याम श्रीवास, रेनु कछवाहा मण्डला एवं अब अन्य स्थानीय लोग भी श्रमदान करने हेतु आगे आ गये है।