जब देश नए साल का जश्न मना रहा था, तब देश की राजधानी में सड़क पर एक बेटी ने न सिर्फ दम तोड़ा, बल्कि उसकी जान लेने वालों ने इंसानियत को भी चूर-चूर कर दिया। जिसने भी इस खबर को देखा, पढ़ा या सुना… वह अवाक रह गया।
31 दिसंबर और एक जनवरी की दरमियानी रात। यह वही रात थी, जब ज्यादातर लोग नए साल का जश्न मना रहे थे। एक-दूसरे को बधाइयां दे रहे थे। तभी दिल्ली के कंझावाला में तड़के तीन बजे के आसपास कुछ ऐसा हुआ, जिसे पढ़कर जश्न की सारी खुशी निकल जाए और मुंह से बरबस निकल पड़े कि ईश्वर! ये क्या हुआ…। जिसने भी इस घटना को जाना, उसकी रूह कांप गई। सिर शर्म से झुक गया।
रोंगटे खड़े कर देने वाली यह घटना अमन विहार में रहने वाली उस लड़की से जुड़ी है, जिस पर अपने पूरे परिवार की जिम्मेदारी थी। वह दो छोटे भाइयों के बेहतर कल और उस मां के लिए नौकरी कर रही थी, जिसकी दोनों किडनियां फेल हो चुकी हैं। चूंकि वह इवेंट मैनेजमेंट का काम देखती थी तो देर रात घर लौटती थी। जब वह घर नहीं पहुंची तो परिवार ने अगले दिन सुबह आठ बजे पुलिस को बताया। इसके बाद जो खुलासे हुए, उससे पुलिस भी दहल गई। मां बेसुध हो गई। परिवार टूट गया।
दरअसल, 31 दिसंबर की रात पांच युवकों में जमकर शराब पी। मुरथल से लौटकर वे मंगोलपुरी से रोहिणी जा रहे थे। बलेनो कार की रफ्तार तेज थी। अंदर तेज आवाज में गाने चला रहे थे। सुल्तानपुरी में उनकी कार से किसी के टकराने की आवाज आई। वे सभी नशे में इतने धुत थे कि ध्यान ही नहीं दिया। एक संकरे रास्ते पर वे टू व्हीलर पर सवार होकर आ रही युवती को कुचल चुके थे। युवती कार के नीचे बंपर और पहियों के बीच फंसी हुई थी। दरिंदे उसे कुछ मीटर नहीं, पूरे 13 किलोमीटर तक, कंझावाला के गांव तक घसीटते ले गए।
तड़के करीब 3:24 बजे रोहिणी जिले के कंझावला थाने को किसी राहगीर ने फोन पर बताया कि एक कार कुतुबगढ़ की तरफ जा रही है और उसमें एक शव लटका दिख रहा है। पुलिस ने जांच शुरू कर दी। तड़के 3:53 पर एक क्षतिग्रस्त स्कूटी मिली। जांच आगे बढ़ी, लेकिन तड़के 4:11 बजे पुलिस को शव मिलने की सूचना मिल गई।