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कीमत क्या ? (कविता)
सुगंध नहीं सुंदरता में तो उस सुमन की कीमत क्या ?
प्रेम नहीं मानवता में तो उस हृदय की कीमत क्या ?
हरियाली नई हरे हृदय तो उस बाग की कीमत क्या ?
स्वच्छ जल जो नहीं मिले तो उस गागर की कीमत क्या ?
हर प्राणी प्यासा जाए तो, उस सागर की कीमत क्या ?
ब्रह्म ज्ञान का नहीं ज्ञाता तो, उस ब्राह्मण की कीमत क्या ?
आत्मशांति जो नहीं मिले तो, विश्व शांति की कीमत क्या ?
रक्षक ही बन जाए भक्षक ,तो रक्षा की कीमत क्या ?
बागार ही खा जाए खेत, तो रखवाले की कीमत क्या ?
सठ न सुधरे सदुपयोग से , तो सत्संग की कीमत क्या ?
शिक्षित होकर शिक्षा नहीं दे ,तो उस शिक्षक कीमत क्या ?
परोपकार जो नहीं किया , तो पद पाने की कीमत क्या ?
आए अतिथि आदर नहीं तो आतिथ्य की कीमत क्या ?
साथी होकर साथ ना निभाए तो उस साथी की कीमत क्या ?
भाई भाई मैं नहीं एकता तो भाईचारे की कीमत क्या ?
सुगंध नहीं सुंदरता में तो ,उस सुमन की कीमत क्या ?