कीमत क्या ? (कविता) कीमत क्या ? (कविता) सुगंध नहीं सुंदरता में तो उस सुमन की कीमत क्या ? प्रेम नहीं मानवता में तो…
अपनी आत्मा , मन , धर्म , चरित्र , कर्मो तथा संस्कृति में घर बनाये बेठे, रावणों, कंसो , देत्यों का वध कर, सच्चे इंसान बने हम , अपना विवेक दीप प्रज्वलित कर, चेत्री दशहरा मनाये