उज्जैन महाकाल सवारी विशेष[१०-७-२०२३] महाकाल को गार्ड आफ आनर के बाढ़ सवारी क्षिप्रा तट पर= प्रदूषित जल डबरी क्षिप्रा तट , को जल आचमन के लायक नहीं , उसी जल से महाकाल का जलाभिषेक , महाकाल आक्रोशित , बहुआयामी तांडव का सन्देश दिया= क्षिप्रा तट पर अपनी झांकी जमाने वाले बदनाम तथा घिनोने चेहरों को देख , महाकाल क्रोधित हुए तथा सर्व विनाश का श्राप दे डाला= सवारी के समय , निजली बंद करने का प्रस्ताव , प्रशासन ने वापस लिया- बच्चो में भी महाकाल की पालकी निकाली= असामाजिक तत्वों तथा रोड़ रोमियो , मस्ती में रहे , अप्रिय हादसों के राज ११ को सामने आयेगें=सवारी में कोई नयापन नहीं= सवारी देखने वालो की भीड़ , खुद को जानने , अपनी आत्म सवारी कोई नहीं निकालना चाहता, दिखावे के धर्म तथा भक्ति में भीड़ का विश्वाश= सवारी बहती गंगा हें , सभी अपने अपने हाथ धो रहे, महाकाल की आँखे लाल हें