आज हम संकल्प करे की, अपना अपना आत्म तथा विवेक दीप प्रज्वलित करे , और १४० भारत के लोग, राष्ट्र, समाज ,मानवता , सनातन धर्मी तथा रक्षक रहेने तथा स्वदेशी , उन्मादी आतंकियों, मंहगाई रुपी डायन का संहार करेगें , माँ भारती के सच्चे सपूत ही बने रहेगे|यही हमारा आत्म चिंतन सार हो,प्रकृति का श्रंगार करेगें, शोषण , अन्याय समाप्त करेगें , सब एकता से रहेगे, हम सब सनातन धर्मी हें, राष्ट्र भी सनातन धर्मी रहेगा