आज शरदोत्सव, आत्म चिंतन तथा खुद को जानने तथा सच्चा इंसान बनने के महा रास का पर्व भी|हम हमारी मृत्यु को भी, महा महोत्सव बनाये और सदेव स्मृत होते रहे, यही अमृत और अमरता हें