अपनी आत्मा , मन , धर्म , चरित्र , कर्मो तथा संस्कृति में घर बनाये बेठे, रावणों, कंसो , देत्यों का वध कर, सच्चे इंसान बने हम , अपना विवेक दीप प्रज्वलित कर, चेत्री दशहरा मनाये