सत्य से साक्षात्कार हेतु , ४५ घंटे के ध्यान की जरूरत ही नहीं , मात्र सच्चे उपवास के साथ , ४५ सेकण्ड का ध्यान ही काफी होता हें , स्वामी विवेकानंद का सनातनी विचार तथा निर्णय ही राष्ट्र तथा समाज तथा इंसानों के लिए अमृत हें , ये जनता हें सब जानती हें