महाकाल मंदिर में फर्जीवाड़ा: भक्तों के विश्वास पर चोट

उज्जैन।रिपोर्टर: मुकेश लकरी महाकाल मंदिर से जुड़े धनखोरी और भ्रष्टाचार के नए मामलों ने एक बार फिर से मंदिर प्रबंधन और प्रशासन को कटघरे में खड़ा कर दिया है। स्थानीय रिपोर्टर केसी ने अपनी ग्राउंड रिपोर्ट में महाकाल लोक से जुड़े 600 करोड़ रुपये के कथित घोटाले की ओर ध्यान आकर्षित किया।

रिपोर्ट के अनुसार, मंदिर के टिकट और एंट्री पास में फर्जीवाड़े की बात सामने आई है। कहा गया है कि 1,300 लोगों की क्षमता वाले क्षेत्र में 2,000 लोगों को प्रवेश दिया गया, जिसमें लगभग 700 फर्जी एंट्री शामिल थी। इन एंट्री पास के बदले मोटी रकम वसूलने के भी आरोप हैं।

मुख्य आरोप

  1. फर्जी परमिशन और एंट्री पास:
    होटल और प्रसाद विक्रेताओं द्वारा फर्जी परमिशन बेचे जाने का मामला।
  2. तकनीकी खामियां:
    मंदिर समिति की वेबसाइट हैक कर एंट्री पास की लिमिट बढ़ाने और डेटा में छेड़छाड़ के आरोप।
  3. घोटाले के केंद्र बिंदु:
    शंख द्वार को भ्रष्टाचार का मुख्य केंद्र बताया गया है, जहां चेकिंग प्रक्रिया में लापरवाही बरती जाती है।
  4. भ्रष्टाचार में शामिल अधिकारी:
    जिलाधीश और एडीएम स्तर के अधिकारियों तक की भूमिका पर सवाल उठे हैं।
  5. मूर्ति निर्माण में अनियमितताएं:
    बताया गया है कि पहले घटिया गुणवत्ता की मूर्तियां लगाई गईं, जो जल्द ही खराब हो गईं। अब उन्हें बदलकर पत्थर की मूर्तियां लगाई जा रही हैं।

सीबीआई जांच की मांग

रिपोर्ट में महाकाल लोक के निर्माण और संचालन में 600 करोड़ रुपये के कथित घोटाले की सीबीआई जांच की मांग की गई है।

आत्मचिंतन की जरूरत

रिपोर्ट में कहा गया है कि शिवभक्तों और मंदिर प्रबंधन को आत्मचिंतन करना चाहिए और भ्रष्टाचार को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए।

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