मत गणना के एक दिन पूर्व, पोस्टल बेलेट घोटाले की शिकायत, हंगामा मचा, सीले गीली मिली

उज्जैन. बालाघाट में पोस्टल बैलेट विवाद के बाद मतगणना के एक दिन पहले शनिवार को उज्जैन में जमकर विवाद हुआ। दोपहर 3 बजे के करीब पोस्टल बैलेट कलेक्टोरेट स्थिति ट्रेजरी से मतगणना स्थल इंजीनियरिंग कॉलेज ले जाए जा रहे थे। इसी बीच विभिन्न विधानसभाओं के कांग्रेस प्रत्याशी और कार्यकर्ता पहुंचे। उन्होंने पेटियों की सील टूटने, पेटी खुलने का आरोप लगाया। इसके बाद जमकर हंगामा हुआ। कांग्रेस प्रत्याशी, मतगणना एजेंट और कार्यकर्ताओं ने कलेक्टर और जिला निर्वाचन अधिकारी से इसकी शिकायत की। विरोध प्रदर्शन के साथ देर कर आपाधापी की स्थिति बनी रही। इधर, निर्वाचन से जुड़े अधिकारियों कहना है कि कांग्रेस प्रत्याशी और कार्यकर्ताओं ने सील टूटने का आरोप लगाया, जबकि यह प्रकि्रया का हिस्सा है।
आपत्ति दर्ज होने पर पहुंचे कलेक्टर
कांग्रेस का आरोप है कि सभी तालों की सील हटी हुई है। हमने आपत्ति दर्ज कराई तो जिला निर्वाचन अधिकारी और कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम पहुंचे। कांग्रेस का आरोप है कि जो बालाघाट में हुआ, वह उज्जैन में भी हुआ है। डाक मतपत्र जब पेटियों में बंद हुए तब हमारे एजेंट, प्रत्याशियों के सामने सील लगाई गई थी। शनिवार को सातों विधानसभा के कांग्रेस प्रत्याशी, मतगणना एजेंट पहुंचे, सभी सातों विधानसभा उज्जैन उत्तर, उज्जैन दक्षिण, नागदा-खाचरौद, घट्टिया, महिदपुर, बड़नगर और तराना की पेटियों पर गिली सील है। नई सील लगाने के दौरान न प्रत्याशियों को बुलाया, न एजेंट और न ही प्रतिनिधि उपस्थित थे। यह गिली सील संदेहास्पद है|

परमार की चेतावनी- गड़बड़ हुई तो बिगड़ेगा लॉ एंड ऑर्डर तराना से कांग्रेस प्रत्याशी और विधायक महेश परमार ने आरोप लगाया कि प्रशासनिक अधिकारियों की भाजपा के साथ मिलीभगत है। जिस तरह ट्रेजरी ऑफिसर, आरओ जवाब नहीं दे पा रहे, बता नहीं पा रहे, उससे लगता है कि गड़बड़ी की है। रविवार को मतगणना के बाद पता चलेगा कि क्या स्थिति रही है। परमार ने खुली चेतावनी दी कि यदि भाजपा के दबाव में शासन-प्रशासन ने पक्षपात किया, गलत किया तो शहर की लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति बिगड़ जाएगी। इसकी जिम्मेदारी जिला प्रशासन की रहेगी। परमार बोले, हमारा निवेदन है नियम-कानून और ईमानदारी से काम हो।

पोस्टल बैलेट में नहीं रखी पारदर्शिता उज्जैन उत्तर की कांग्रेस प्रत्याशी माया राजेश त्रिवेदी ने कहा कि महिदपुर विधानसभा की पेटी जा रही थी, जिसके दोनों तालों की सील खुली हुई थी। सभी की एक जैसी पैकिंग होना थी। अफसरों से पूछा तो बोले- हम इसे रोज खोल रहे हैं। रोज खोलकर सील लगा रहे हैं, तो भरोसा ही नहीं रहा कि कौनसे लिफाफे रखे और कौनसे निकाल लिए। ट्रांसपरेंसी नहीं रखी गई। ऐसा लग रहा है, भाजपा के कर्मचारी बनकर काम कर रहे हैं। यह बहुत बड़ी गड़बड़ है। पंचनामा बनवाया है।जिला नार्वाचं अधिकारी घरना स्थल पर