bhopalउज्जैनदेशमध्यप्रदेशविदेश नाजी सरकार फिर डरी , ब्राडकास्टिंग सेवा बिल का मसोदा वापस लिया , अभिव्युक्ति की आजादी की ह्त्या की नाजीवादी पहल थी नाजी सरकार की August 13, 2024August 13, 2024
सुखबीरसिंह हत्याकांड , राजस्थान पुलिस के लिए चुनोती बना=आनंदपाल का नया नाम सामने आया जो , विश्नोई के खिलाफ था , सुखबीरसिंह के उससे सम्बन्ध विश्नोई के भया दोहक कार्यो का विरोध करते थे, प्रभावितों को संरक्षण देते थे= सुखबीरसिंह की ह्त्या की योजना भटिंडा जेल में बनी , संजय नेहरा ने योजना बनाई और रोहित गोदरा की जबाबदारी दी, नेहरा उनकी ह्त्या के मामले में गिरफ्तार हो चुका था= रोहित गोदरा ने, १८ माह की रेकी के बाद , नीतिन फोजी तथारोहित राठोड को ,सुखबीर सिंह की ह्त्या के लिए भेजा=सुखबीरसिंह के सुरक्षा गार्ड, शेखावत के माध्यम से, सुखबीरसिंह के साथ चर्चा के लिए कमरे में गये तथा उनके सामने सोफे पर बेठ क्र , आसानी से फायरिंग की , पहचान छुपाने शेखावत, की ह्त्या की और फरार हो गये , सुखबीरसिंह के सुरक्षा गार्ड पर भी गोली चलाई= राजस्थान पुलिस के हत्याकांड चुनोती बना ,पुलिस सक्रिय जरुर हें , किन्तु, सच जानना कठीण हें , हत्यारों की गिरफ्तारी भी कठीन हें , आनंदपाल जरुरी सुचनाए दे सकता हें= niaसूक्ष्मता से जांच कर रही हें
आज की कड़वी बाते[२४-११-२३]राम , कृष्ण, शिव, महावीर और अल्ल्हा मंदिरों , मस्जिदों और आराधना स्थलों में नहीं होते हें, वे तो हमारी आत्मा , मन, मष्तिस्क, विचारों, कर्मो में , प्रेम भावना में ही रहते हें, यही सच्ची सनातन संस्कृति और सनातन धर्मी व्यवहार हें, भोतिक भक्ति तो महा पाप हें= मुझे आप से बात करना हें, आप बात क्यों नहीं करते हो , इसी पर बात करना हें , यही एक बात हें= २७ को कार्तिक पूर्णिमा, अनेक महा योग, विष्णु के पास प्रभार, लक्ष्मी बेहद प्रसंन्न, शिव ने देत्य का वध किया, नदियों तथा सरोवरों में दीप दान तथा प्रेम का आत्म दीप प्रज्वलित करने का महा योग भी= हमारे , सभी पूर्व तथा वर्तमान कर्मो का हिसाब भी यंही पर होता हें , हम अपने कर्मो का बही खाता अवश्य जाने= जो त्याग नहीं के सकता , वो हमेशा अतृप्त ए रहता हें , साधू संत हो या योगी,आम आदमी हो या भगवान्= हम स्वार्थ , अंहकार , झूठ तथा बहुरूपिये, रोबोट हो गये, सत्य सूर्य की धुप तक पसंद नहीं= हम रोज अपने आपको खोते हें , अपनी स्मृति तथा पहचान तक को राख बनाते हें, = लोग खूब खाते हें , जीने के लिए और भगवान् श्री कृष्ण को प्रतीक बताते हें, यदि खायेगें, नहीं तो जियेगें केसे?, नेता और अमीर धन घोटाले , चन्दा , झूठ और धन खाते हें , आम जनता भीख और प्रलोभन खाती हें, जी भर कर खाओ और जियो= सबसे सच्चा प्रेम करे , सत्य दीप बने और महा त्यागी बने , यही जीवन यात्रा का लक्ष्य हें, विवेकवादी बने और जीवन यात्रा को स्वर्णिम बनाये