उज्जैन न्यूज[७-६-३०२३] महालोक घोटाले के विरोध की बजाय , पक्ष में चापलूस संत क्यों?संत के चोंगें उतारो= पुराने जल संसाधन कितने थे , कितने गायब, ? नर्क निगम बताये= शहर में गुंडों , माफियाओं तथा चाकुबाजो का आतंक, पुलिस नकारा सिद्ध ,बदलाव की जरूरत= भूमाफियाओ के मददगार अफसर कितने? साधू संतो की खुफिया जांच जरुरी= हरसिद्धि चोराहे पर यातायात अराजकता= महाकाल से , घाटी तक का मार्ग , २४ मीटर को होगा , विरोध जारी = शहर तबाह , जनता त्रस्त = एमपीएल तथा टोल में डंडीमारी जारी , नाप तोल विभाग गायब क्यों? पत्रकारों की शातिर तथा विचित्र गेंग सक्रिय= मीडिया प्रतिष्ठानो की धोकाधड़ी , अनेको पर मामले दर्ज होगें= दिवंगतो तथा उठावने की सुचना तक में भारी धन वसूली , जब की निशुल्क होना चाहिए , फर्जी प्रसार संख्या बताने वाले मीडिया प्रतिष्ठानों के राज खुल रहे= क्षिप्रा प्रदूषित जल डबरी ही बनी रहेगी? , उद्गम स्थल की चोक= क्षिप्रा को कृतिम जल डबरी बनाना भी अपराध हें , साधू संत , शासन, प्रशासन और जनता भी भ्रमित हें[ नारायण – नारायण]