आज बेसाखी पूर्णिमा , जीवन को पूर्ण बनाने का महा पर्व|वेसाखी पर्व तो मना रहे , मात्र दिखावा कर रहे , हम सच्चे इंसान नहीं , महा शातिर शेतान बन रहे, हम अपनी आत्मा तक को धोका दे रहे