आज की कड़वी बाते , राष्ट्र अस्तित्व तथा कृष्णत्व रक्षा हेतु[१३-१-२०२३] मकर संक्रांति १५ को= कड़वे बयान देने वाले समाजवादी नेता, शरद यादव का निधन= भारत , कल्पांत की गिरफ्त में , किश्तों जारी हें कल्पांत= भारत का नया जियोलाजिकल सर्वे हुआ या नहीं, हुआ हे तो सर्वे को सार्वजनिक किया जाए= अवेज्ञानिक तथा अवेकी योजनाए तथा निर्माणों की अपराधी , राष्ट्र संचालक क्लर्क्स तथा नोकर शाह हें= हिमालय तथा उसकी तराई में छेड़छाड़ , भारत का मानचित्र बदलने का शातिर षड्यंत्र= राष्ट्र का मानचित्र तथा अस्तित्व भी संकट में= अविवेकी तथा अवेज्ञानिक निर्माण , भू संतुलन बिगाड़ रहे= हिमालय करवटे लेने तथा नदिया अपने मार्ग बदलने हेतु आतुर= सत्ता सुन्दरी के दीवाने और धनखोर देत्य , भारत की संरचना तथा अस्तित्व के अति क्रूर हत्यारे= क्या भारत को साइबेरिया वाला राष्ट्र बनाने का संकल्प हें, नेताओं , कार्पोरेट्स तथा धनखोर चेहरों का= जोशी मठ किसी भी समय जमीन में धंस सकता हें= अब कर्ण प्रयाग में जमीन धंस रही= सेना की २५-२८ इमारते भी संकट में , मार्ग में भी बधाए= केदारनाथ भी डूब क्षेत्र में= नाजी , कोकणी , स्वदेशी आतंकी, कार्पोरेट्स तथा नोकरशाह गेंग , राष्ट्र अस्तित्व की शातिर हत्यारी=विकास के नाम पर महा विनाश थोपा सरकारों ने= देश के आराधना स्थलों को , पर्यटन स्थल बनाना , राष्ट्र , समाज , धर्म तथा सुसंस्कृति की क्रूर ह्त्यावाला अपराध= जब केंद्र की नाजी सरकार को फेसले लेना हे तो ,चुनी हुई सरकार देश में क्यों? सुप्रीम कोर्ट की कड्वी टिप्पणी=देश की शातिर ढंग से ह्त्या की जा रही , किश्तों में , नाजी गेंग का कुकृत्य= धर्म , संस्कृति के ठेकेदार भी धृत राष्ट्र हो गये ,अंधायुग भी उनका लक्ष्य=उज्जैन के महाकाल मंदिर तथा सम्पूर्ण परिक्षेत्र संकट में ,संघ तथा शातिर ठगों का साम्राज्य बना=उज्जैन के मास्टर प्लान २०३५ में क्षिप्रा के किनारों पर निर्माण की परमिशन , भूमाफियाओ के लाभ हेतु , क्षिप्रा केअस्तित्व की ह्त्या की पहल= विश्व में ९ वा आशचर्य ,संघ प्रमुख मोहन भागवत संजय नहीं ,धृतराष्ट्र बनने में विश्वाश करने लगे हें= भारत की जनता को शातिर ढंग से मुर्ख बना रही सरकारे , नाजी , कोकणी तथा कार्पोरेट्स गेंगतथा नाजी , कोकणी तथा व्यक्तिवाद थोपा जा रहा= आराधना स्थलों का चरित्र तथा पावनता समाप्त , अच्छा यही हें की अपने अपने घरो तथा आत्मा को ही आराधना स्थल बनाए ईश्वर का वास होगा= कट्टर धार्मिक नहीं ,कट्टर आध्यात्मिक समाजवादी , मानवतावादी तथा राष्ट्रवादी बने= आत्म गंगा में , सर्व सम्मान तथा सत्य का क्रूज तो पहले चलाओ , गंगा के अस्तित्व के साथ खिलवाड़ बंद करो= विवेकान्द्जी जेसा महामानव ना तों हुआ हें और ना ही होगा , किसी को भी स्वामी विवेकान्द जेसा बताना भी शातिर अपराध तथा विवेकानंदजी का अपमान हें= वेश्यालयों में तो शरीर बिकते हें , किन्तु सरकारों में तो सत्य , ईमान , चरित्र , नेतिकता , सामाजिकता ,प्रजातंत्र , जनमत , संस्कृति तक बिकती हें