आज की कड़वी बातें[२८-१-२०२३] अपनों से ही हें. शिकवे और शिकयते इसी लिए मोन हें हम=आलोचनाए भी शुद्धि यज्ञ हें , नाजीवादी शातिर जूमला हें , भ्रम फेलाने और अपनी धूर्तता जताने वाली शाब्दिक लफ्फाजी= जब मोत दस्तक देती हेंतब इंसान को अपने पाप नजर आते हें= राष्ट्र , समाज , व्यवस्था , विधान , संविधान , सर्व अपमान सफ़ेद झूठ , सनातन धर्म तथा सनातनी सुसंस्कृत व्यवहार तथा सनातन धर्मी भारत की क्रूर ह्त्या बंद करो , शातिर गद्धारो= हमारे शातिर पापो के कारण , माँ भारती और जमीन तक का सीना फट रहा और हम , तालिया बजाने का महापाप कर रहे= भारत में कल्पांत की दस्तक किश्तों में जल्द ही खंडहर नजर आयेगा= सफ़ेद झूठ , भारत की संस्कृति बन रही , देश में कफन , दाह संस्कार , बिजली , पानी , शिक्षा तथा जीवन तक मंहगा , rbi चीफ बोले, मंहगाई का युग समाप्त हुआ ,आते और नामक का भाव क्या हें?कफन और दाह संस्कार व्यय क्या हें , ये भी जानो ? झूठ की मोत तो जन्म लेते ही हो जाती हें